सरकार ने प्रदेश में विकास पर अपनी पकड़ लगातार मजबूत की है. दूसरी प्राथमिकताओं के साथ मध्य प्रदेश को निवेश का केंद्र बनाना  नई सरकार के काम का केंद्र  है. सरकार एग्री-फ़ूड प्रोसेसिंग, ऑटो, फार्मा, आई.टी. वेयरहाउस-लॉजिस्टिक्स, टैक्सटाइल और पर्यटन.जैसे क्षेत्रों को निवेश संभावित क्षेत्र मान कर उन पर खास ध्यान दे रही है ‘मैग्नीफिसेंट एम.पी. इन्वेस्टर्स समिट  नए निवेशकों को प्रदेश में लाने का एक बड़ा कदम है. यह समिट किसी एक सेक्टर तक ही सीमित नहीं है इसमे सभी उद्योग क्षेत्रों में निवेश बढ़ने के आसार है. दरअसल प्रदेश सरकार ने निवेश की रफ्तार तेज करने के लिए पिछले एक साल में कई नीतिगत सुधार किए हैं. समिट प्रदेश में नए निवेशकों को आकर्षित करना  उसी कड़ी का हिस्सा है.
विकास के लिए जरूरी ढांचा
मौजूदा राज्य-सरकार का ध्यान प्रदेश में ऐसा माहौल बनाने का है, जहां व्यवसाय और उद्योग पनप सकें. पिछले एक साल में मंदी-दीप, मालनपुर, बोरगांव और पीथमपुर इंडस्ट्रियल टाउनशिप को बेहतर बनाने के लिए कई बड़े फैसले लिए गए हैं. इसका नतीजा ये निकला है कि कई मसले जो लंबे समय से चले आ रहे थे अब सुलझ गए हैं, जैसे - व्यवसाय के लिए आवश्यक अनुमति और कागजी कार्यवाही की लंबी प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है. सरकार ने चार ग्रीन-फील्ड टैक्सटाइल इंडस्ट्री एरिया बनाने की भी घोषणा की है और नॉन-लेदर और फार्मा पार्क भी, जो औद्योगिक इकाइयों के लिए जरूरी बनते जा रहे हैं.
कनेक्टिविटी के लिहाज से बेहतर
कनेक्टिविटी के लिहाज से मध्य प्रदेश भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है, जो देश के ठीक बीचों-बीच है, इसीलिए इसे देश का दिल भी कहा जाता है. मध्य प्रदेश की सीमाएं पांच और राज्यों से मिलती हैं. हालांकि प्रदेश समुद्री किनारे से दूर है पर अपनी कनेक्टिविटी के लिहाज से बेहतर विकल्प देता है. मध्य प्रदेश का रेल नेटवर्क विस्तृत है और प्रदेश से 550 ट्रेनें रोज गुजरती हैं. यहां 2,30,000 किलोमीटर की सड़कें हैं, जो इसे देश के सभी महत्वपूर्ण व्यापारिक और वाणिज्यिक केंद्रों से बखूबी जोड़ती हैं. इसके अलावा 5 एयरपोर्ट, जिनमें से 1 अतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट भी है, मध्य प्रदेश को शानदार तरीके से देश और दुनिया से जोड़े रखते हैं.
सुरक्षा और विकास
मध्य प्रदेश निवेश के लिए एक आदर्श राज्य इसलिए भी है, क्योंकि ये एक शांत प्रदेश रहा है जहां सुरक्षा को लेकर कोई चिंता नहीं है. यहां की विकास दर भी उंची है, जो कि देश की विकास दर से काफी लंबे समय से ज्यादा रही है इसके अलावा राज्य में ढांचागत विकास भी अच्छा हुआ है, जो कि निवेश के लिए जरूरी है और बिजली भी यहां खपत से ज्यादा उपल्बध है. शिक्षा और व्यवसायिक प्रशिक्षण के अच्छे विकल्प भी प्रदेश में मौजूद हैं जैसे - आई.आई.एम., आई.आई.टी., एम्स, इसके अलावा कई अच्छे इंजीनियरिंग कॉलेज और ओद्योगिक ट्रेनिंग के सेंटर जो कुशल कारीगरों और अच्छे प्रोफेशनल्स की मौजूदगी पक्की कराते हैं.
बेहतर कृषि-आधारित सेक्टर
मध्य प्रदेश कृषि आधारित अर्थव्यवस्था रही है, जहां उपज का क्षेत्र 22.1 मिलियन हैक्टेयर है। प्रदेश सोयाबीन, चना, दाल और प्याज का सबसे बड़ा उत्पादक है. धान और मटर के उत्पादन में भी प्रदेश में दूसरे नंबर पर है. बासमती चावल का जो निर्यात पूरे भारत से यू.एस. और कनाडा को होता है, उसका 50% हिस्सा अकेले मध्य प्रदेश से ही जाता है. मध्य प्रदेश का 1.3 मिलियन हैक्टेयर का बड़ा इलाका हॉर्टीकल्चर के लिए इस्तेमाल होता है. इनमें फल, सब्जियां और मसाले शामिल हैं. औषधीय पौधों को उगाने में प्रदेश देश में पहले नंबर पर है. इसके अलावा फूलों, मसालों और सब्जियों की पैदावार में भी मध्य प्रदेश, देश में ऊंचा दर्जा रखता है. प्रदेश की नई सरकार, कृषि-आधारित सेक्टर के महत्व को समझ रही है और कम समय में ही कृषि क्षेत्र में सहायता के कई नीतिगत फैसले ले चुकी है.
जवाबदेही तय
राज्य सरकार कई तरह के कामों के लिए तकनीकी मदद भी मुहैया करा रही है; उदाहरण के तौर पर ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनस’ योजना के तहत, सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया है, ताकि एक ही जगह से सभी जरूरी स्वीकृतियां प्राप्त की जा सकें. इन्वेस्ट एम.पी.  पोर्टल ने इस प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया है, जिससे समय की बचत भी हो रही है और जवाबदेही तय करने में भी मदद मिल रही है.
प्राथमिक सेक्टर
मध्य प्रदेश सरकार ने टैक्सटाइल उद्योग प्राथमिकता पर  रखा गया है ताकि नए निवेश से इस सेक्टर को और मजबूती मिल सके. मध्य प्रदेश प्रसिद्ध है अपने चंदेरी कॉटन, महेश्वरी सिल्क साड़ियों और सिल्क टैक्सटाइल के लिए. प्रदेश में इस समय  60 बड़ी टैक्सटाइल मिलें हैं. इसके अलावा हजारों लूम और स्पिंडल भी यहां काम कर रहे हैं. ये सभी बड़े पैमाने पर युवाओं को रोजगार दे रहे हैं. प्रदेश सरकार ने टैक्सटाइल उद्योग को कई नए सहायता पैकेज देने की भी घोषणा की है, ये मदद उन घोषणाओं के अलावा है जो कि दूसरे उद्योगों के लिए की गई हैं.
माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइज फेसिलीटेशन काउंसिल’
बड़े सेक्टरों के अलावा मध्य प्रदेश सरकार ने लघु और छोटी इकाइयों के लिए जमीन के इस्तेमाल के नियमों को भी सरल बनाया है और लालफीताशाही को कम किया है. छोटी जमीनों को सब-लीज करने और इस्तेमाल के लिए हस्तांतरण को अब सरल कर दिया गया है. जमीन के विवादों का जल्दी हल निकालने के लिए प्रदेश सरकार ने ‘माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइज फेसिलीटेशन काउंसिल’ भी स्थापित किया है.
स्टार्टअप की मदद
राज्य सरकार ने ‘मध्य प्रदेश इन्क्यूबेशन और स्टार्टअप पॉलिसी’ को शुरु किया, ताकि स्टार्टअप्स को प्रदेश में प्रोत्साहित किया जा सके. फंडिंग के अलावा दूसरी जरूरी मदद, इन्क्यूबेशन सेंटर भी ‘प्लग-एंड-प्ले’ सेंटर के तौर पर काम करते हैं, ताकि स्टार्टअप बिना बड़े निवेश के अपनी अलग-अलग जरूरतों के बावजूद काम आसानी से शुरु कर सकें.
पारदर्शी निवेश नीतियां।      
   मध्यप्रदेश में पारदर्शी और विश्वास के योग्य सर्वश्रेष्ठ निवेश नीति बनाई गई है सिंगल विंडो सिस्टम आसान भूमि अधिग्रहण और निवेश से जुड़ी सूचनाओं का ऑनलाइन उपलब्धता सरकार के निवेश नीति को सर्वश्रेष्ठ एवं निवेशक के अनुरूप निवेश के अनुकूल बनाती है ।प्रदेश के पास 20408 मेगा वाट बिजली की उत्पादन क्षमता उपलब्ध है साथ ही निवेश की दृष्टि से अत्याधुनिक बिजली अधोसंरचना भी मौजूद है विनिर्माण क्षेत्र के निवेशकों को भरपूर बिजली उपलब्ध कराई जा सकती है। यहाँ भरपूर मात्रा में हरित ऊर्जा संसाधन उपलब्ध है। प्रदेश सरकार पर्यावरण अनुकूल दूरदृष्टि के साथ समग्र विकास के लक्ष्य की ओर अग्रसर है जो निवेश के अनुकूल वातावरण निर्माण कर रहा है।
कुशल मानव संसाधन।  
 कुशल मानव संसाधन निवेशकों की महती जरूरत है इसकी प्रदेश में पर्याप्त सहज और सरल उपलब्धता है मध्यप्रदेश में प्रति वर्ष 2 लाख से अधिक तकनीकी स्नातक तैयार होते हैं  कुछ वर्षों में 70 से अधिक तकनीकी संस्थान शुरू किए गए हैं। साथी मध्य प्रदेश सरकार कौशल उन्नयन के कार्यक्रम भी तेजी से चला रही है। अनुकूल व्यापारिक वातावरण ही निवेश की सफलता का आधार तत्व होता है बेहतर माहौल से व्यापारिक गतिविधियों को प्रोत्साहन भी मिलता है जो निवेशकों के लक्ष्य प्राप्ति के लिए शुभ संकेत हैं।कमलनाथ सरकार ने  युवाओं के लिए रोजगार के नए और बेहतर अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार ने उद्योग नीति मेँ संशोधन कर राज्य मेँ लगने वाले उद्योगों मेँ स्थानीय युवाओं को 70 प्रतिशत रोजगार देना अनिवार्य कर दिया है।
 विश्वास की बुनियाद।                  
विश्वास ही व्यापार का आधार है। मध्यप्रदेश में निवेश की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी है यहां संसाधनों की कोई कमी नहीं है कुशल समाजिक अधोसंरचना इस प्रदेश की शान है।प्रदेश मे 1,20,000 एकड़ औद्योगिक लैंड बैंक प्रदेश में उपलब्ध है जो निवेशकों को रियायती दर पर उपलब्ध कराई जाएगी प्रदेश में यातायात के बेहतर साधन उपलब्ध है , कच्चे माल की उपलब्धता भी है इससे बाजार तक आसान पहुंच बनाई जा सकती है। जीएसटी लागू होने के बाद व्यापार के संचालन और क्रियान्वयन की दृष्टि से निवेश के लिए मध्य प्रदेश सबसे बेहतर राज बन गया है प्रदेश में जल संसाधन की कोई कमी नहीं है सरकार ने उद्योगों के लिए 900 एमसीएम जल आरक्षित की है।
पर्यटन  नीतियों से सक्षम निवेश
'मैग्निफिसेंट मध्यप्रदेश-2019' के दृष्टिगत राज्य शासन द्वारा पर्यटन विभाग की नीतियों को अधिक सक्षम एवं निवेश आकर्षक बनाया गया है। पर्यटन नीति 2016 में संशोधन 2019 के अलावा ब्रांडेड होटल्स की स्थापना को प्रोत्साहन देने के लिये भी नीति बनाई गई है। टूरिज्म बोर्ड द्वारा निवेशकों के प्रस्तावों पर विभिन्न अनुमतियाँ/अनापत्ति आदि प्रदान कराने के लिये व्यक्तिश: अनुसरण (हेण्ड होल्डिंग) की प्रक्रिया लागू की जायेगी। राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मार्केटिंग इवेन्ट्स में भाग लेने वाली इकाइयों को प्रति कार्यक्रम 50 हजार से एक लाख रुपये तक की सहायता दी जायेगी। अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट, अर्थात 100 करोड़ रुपये से अधिक की स्थाई पूँजी निवेश परियोजना को उपलब्धता अनुसार शासकीय भूमियाँ पर्यटन विभाग द्वारा कलेक्टर गाइड-लाइन रेट पर 90 वर्ष की लीज पर उपलब्ध कराई जायेगी। धार्मिक एवं हेरिटेज पर्यटन स्थलों को पर्यटन सुविधाएँ निर्मित कर पर्यटन अनुकूल बनाया जायेगा
उम्मीद की जा रही है कि मैग्निफिसेंट एमपी समारोह वास्तविक निवेश पर केन्द्रित होगा। इसमें निवेश के संबंध में गंभीर चर्चाएँ होंगी और निष्कर्षों पर अमल कराने के सुनिश्चित प्रयास भी किये जायेंगे।  प्रदेश में विभागवार उद्योग आधारित नीतियाँ निर्धारित करने के लिये तेजी से काम किया जा रहा है, जिसके परिणाम शीघ्र ही पूरे प्रदेश में दिखाई देंगे।
 

Source : खिलावन चंद्राकर ,भोपाल